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Latin America, Caribbeyayi Kshetra Aur Bharat

Om Latin America, Caribbeyayi Kshetra Aur Bharat

दीपक भोजवानी - 1978 में भारतीय विदेश सेवा में प्रवेश; विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय में महत्त्वपूर्ण पदों पर कार्य किया स्पेन, इंडोनेशिया, मलेशिया और चेक गणराज्य में भारतीय दूतावासों में कार्यरत रहे। अपने सेवा-काल के अंतिम 12 वर्षों, 2000 से 2012 तक, वे साओ पाओलो (ब्राजील) में कॉंसल जनरल और फिर वेनेजुएला, कोलंबिया और क्यूबा में भारत के राजदूत रहे । साथ ही उन्हें एक्वाडोर, कोस्टा रिका, डोमिनिकन रिपब्लिक और हैती में भी राजदूत का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया। उनकी यात्राओं और अनुभव से उन लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई देशों के बारे में एक समृद्ध दृष्टिकोण विकसित हुआ, जिनके साथ भारत के संपर्क अपेक्षाकृत कम रहे थे। इन देशों के साथ बढ़ते आर्थिक और व्यापारिक संबंधों ने राजदूत भोजवानी को यहाँ बने रहने तथा इस क्षेत्र की बेहतर समझ हासिल करने के लिए प्रेरित किया । स्पेनिश और पुर्तगाली भाषाओं में दक्षता की वजह से राजदूत भोजवानी इस क्षेत्र के देशों के अधिकारियों और पेशेवर विशेषज्ञों से बेहतर संपर्क और घनिष्ठ संबंध रख सके। राजदूत दीपक भोजवानी ने लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई देशों तथा भारत से उनके संबंधों के बारे में पुस्तकें लिखी हैं और अनेक व्याख्यान दिए हैं ।उनकी परामर्श-सेवा "लैटिनदिया' भारत तथा इस क्षेत्र के बीच संबंधों को और अधिक घनिष्ठ करने का प्रयास कर रही है।

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  • Språk:
  • Hindi
  • ISBN:
  • 9789394534315
  • Format:
  • Inbunden
  • Sidor:
  • 270
  • Utgiven:
  • 18. juni 2022
  • Mått:
  • 156x19x234 mm.
  • Vikt:
  • 594 g.
  Fri leverans
Leveranstid: 2-4 veckor
Förväntad leverans: 27. december 2024
Förlängd ångerrätt till 31. januari 2025

Beskrivning av Latin America, Caribbeyayi Kshetra Aur Bharat

दीपक भोजवानी - 1978 में भारतीय विदेश सेवा में प्रवेश; विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय में महत्त्वपूर्ण पदों पर कार्य किया स्पेन, इंडोनेशिया, मलेशिया और चेक गणराज्य में भारतीय दूतावासों में कार्यरत रहे। अपने सेवा-काल के अंतिम 12 वर्षों, 2000 से 2012 तक, वे साओ पाओलो (ब्राजील) में कॉंसल जनरल और फिर वेनेजुएला, कोलंबिया और क्यूबा में भारत के राजदूत रहे । साथ ही उन्हें एक्वाडोर, कोस्टा रिका, डोमिनिकन रिपब्लिक और हैती में भी राजदूत का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया। उनकी यात्राओं और अनुभव से उन लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई देशों के बारे में एक समृद्ध दृष्टिकोण विकसित हुआ, जिनके साथ भारत के संपर्क अपेक्षाकृत कम रहे थे। इन देशों के साथ बढ़ते आर्थिक और व्यापारिक संबंधों ने राजदूत भोजवानी को यहाँ बने रहने तथा इस क्षेत्र की बेहतर समझ हासिल करने के लिए प्रेरित किया । स्पेनिश और पुर्तगाली भाषाओं में दक्षता की वजह से राजदूत भोजवानी इस क्षेत्र के देशों के अधिकारियों और पेशेवर विशेषज्ञों से बेहतर संपर्क और घनिष्ठ संबंध रख सके। राजदूत दीपक भोजवानी ने लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई देशों तथा भारत से उनके संबंधों के बारे में पुस्तकें लिखी हैं और अनेक व्याख्यान दिए हैं ।उनकी परामर्श-सेवा "लैटिनदिया' भारत तथा इस क्षेत्र के बीच संबंधों को और अधिक घनिष्ठ करने का प्रयास कर रही है।

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