Om मोहब्बत नहीं तो कुछ भी नहीं
मेरी पहली किताब है, जायज है, बहुत गलतियाँ होंगी। गलतियों के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ पर परफेक्ट का इंतज़ार मैं नहीं कर सका, किसी को भी नहीं करना चाहिए। किसी शायर ने कहा है कि "गुजर ना जाये कहीं उम्र एहतेयातों में, जो काम करने है वो दीवाना वार कर डाल।" तो बस कर डाला। कॉलेज की मोहब्बत से वादा किया था वो निभा रहा हूँ। ये किताब मेरी पहली और आखिरी मोहब्बत के नाम लिखी गई है। इसमे उन कविताओं को शामिल किया गया है जो मैंने लोंग डिस्टेन्स रीलैशनशिप के दौरान लिखी थी। वक्त हमारे साथ था जो हमारी मोहब्बत मुक्कमल रही। जिसके लिए सफर तय किये वो आज हमसफर है। इस किताब में ऐसा कुछ भी नहीं है जो आपको मालूम नहीं होगा, पर बच्चन जी ने मधुशाला में कहा है कि "अपने युग में सबको अनुपम ज्ञात हुई अपनी हाला, अपने युग में सबको अदभुत ज्ञात हुआ अपना प्याला।" बस ये किताब हमारी मोहब्बत की हाला का एक प्याला भर है, अनुपम, अद्भुत।
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